राजस्थान, ‘राजाओं का स्थान’ या ‘राजाओं की भूमि’, भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक विशाल और ऐतिहासिक राज्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का सबसे बड़ा राज्य है। अपनी बहुरंगी संस्कृति, गौरवशाली इतिहास, विशाल किलों, भव्य महलों और अद्वितीय भौगोलिक विशेषताओं के लिए राजस्थान दुनिया भर में प्रसिद्ध है। थार के विशाल मरुस्थल से लेकर अरावली की प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं तक, यह भूमि विविधताओं से भरी हुई है।
यह अध्याय राजस्थान के एक समग्र दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य छात्रों को राज्य की भौगोलिक स्थिति, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, प्रशासनिक संरचना और सांस्कृतिक धरोहर की एक मजबूत आधारशिला प्रदान करना है, ताकि वे आने वाले अध्यायों में राजस्थान के विशिष्ट पहलुओं का गहराई से अध्ययन कर सकें। चाहे आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों या केवल इस अद्भुत राज्य के बारे में जानने के इच्छुक हों, यह अध्याय आपके लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
राजस्थान: एक दृष्टि में (Rajasthan: At a Glance)
किसी भी अध्ययन को शुरू करने से पहले, कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को जानना आवश्यक होता है। नीचे दी गई तालिका राजस्थान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करती है:
विवरण | तथ्य |
राज्य का नाम | राजस्थान |
स्थापना दिवस | 30 मार्च 1949 |
राज्य का वर्तमान स्वरूप | 1 नवंबर 1956 (राज्य पुनर्गठन के बाद) |
राजधानी | जयपुर (Jaipur) |
सबसे बड़ा शहर | जयपुर (Jaipur) |
कुल क्षेत्रफल | 3,42,239 वर्ग किलोमीटर (sq. km) |
भारत के कुल क्षेत्रफल का प्रतिशत | 10.41% (क्षेत्रफल में प्रथम स्थान) |
जनसंख्या (जनगणना 2011) | 6,85,48,437 (देश में 7वां स्थान) |
राजभाषा | हिन्दी |
कुल संभाग (Divisions) | 10 (दस) |
कुल जिले (Districts) | 50 (पचास) |
उच्च न्यायालय | जोधपुर (मुख्य पीठ), जयपुर (खंडपीठ) |
राजकीय पशु | चिंकारा (वन्यजीव श्रेणी) एवं ऊँट (पशुधन श्रेणी) |
राजकीय पक्षी | गोडावण (Great Indian Bustard) |
राजकीय पुष्प | रोहिड़ा (Tecomella undulata) |
राजकीय वृक्ष | खेजड़ी (Prosopis cineraria) |
राजकीय नृत्य | घूमर |
राजकीय खेल | बास्केटबॉल |
राजकीय मिठाई | घेवर |
नामकरण का इतिहास (History of Nomenclature)
राजस्थान का वर्तमान नाम इसके ऐतिहासिक विकास का परिणाम है। इस भू-भाग को अलग-अलग समय में विभिन्न नामों से जाना जाता रहा है।
- मरुकान्तार (Marukantar): पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में इस क्षेत्र के लिए ‘मरुकान्तार’ शब्द का प्रयोग किया था, जिसका अर्थ है ‘मृत्यु का जंगल’ या मरुस्थलीय क्षेत्र।
- राजपूताना (Rajputana): मध्यकाल में इस क्षेत्र में राजपूत वंशों का शासन होने के कारण यह ‘राजपूताना’ कहलाया। इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 ईस्वी में आयरिश खोजकर्ता जॉर्ज थॉमस द्वारा किया गया था।
- रजवाड़ा, रायथान या राजस्थान (Rajwara, Raithan or Rajasthan): प्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड, जिन्हें ‘राजस्थान के इतिहास का पिता’ भी कहा जाता है, ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “Annals and Antiquities of Rajasthan” (1829) में इस क्षेत्र के लिए ‘रायथान’, ‘रजवाड़ा’ और ‘राजस्थान’ शब्दों का प्रयोग किया। ‘राजस्थान’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘राजाओं का निवास स्थान’।
- आधिकारिक नाम: भारत की स्वतंत्रता के पश्चात्, जब विभिन्न रियासतों का एकीकरण हुआ, तो 30 मार्च 1949 को ‘बृहत् राजस्थान’ के गठन के साथ इस क्षेत्र को ‘राजस्थान’ नाम दिया गया। अंततः 26 जनवरी 1950 को इसे आधिकारिक रूप से ‘राजस्थान’ राज्य के रूप में मान्यता मिली।
भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार (Geographical Location and Extent)
राजस्थान की भौगोलिक स्थिति इसे भारत के अन्य राज्यों से विशिष्ट बनाती है।
- स्थिति (Location): राजस्थान भारत के उत्तर-पश्चिमी (North-Western) भाग में स्थित है।
- अक्षांशीय विस्तार (Latitudinal Extent): यह 23°3′ उत्तरी अक्षांश से 30°12′ उत्तरी अक्षांश के मध्य स्थित है।
- इसका दक्षिणी सिरा बोरकुंड गाँव (कुशलगढ़, बांसवाड़ा) में है।
- इसका उत्तरी सिरा कोणा गाँव (गंगानगर) में है।
- देशांतरीय विस्तार (Longitudinal Extent): यह 69°30′ पूर्वी देशांतर से 78°17′ पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है।
- इसका पश्चिमी सिरा कटरा गाँव (सम, जैसलमेर) में है।
- इसका पूर्वी सिरा सिलाना गाँव (राजाखेड़ा, धौलपुर) में है।
- विस्तार (Dimensions):
- उत्तर से दक्षिण की लम्बाई: 826 किलोमीटर।
- पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई: 869 किलोमीटर।
- इसकी चौड़ाई इसकी लम्बाई से अधिक है (अंतर 43 किलोमीटर)।
- आकृति (Shape): राजस्थान की आकृति लगभग विषमकोणीय चतुर्भुज (Irregular Rhomboid) या पतंगाकार (Kite-shaped) है। यह सबसे पहले विद्वान टी. एच. हैंडले (T.H. Handley) द्वारा बताया गया था।
- कर्क रेखा (Tropic of Cancer): 2321° उत्तरी अक्षांश रेखा, जिसे कर्क रेखा कहा जाता है, राजस्थान के दक्षिणी भाग से होकर गुजरती है।
- यह बांसवाड़ा जिले के लगभग मध्य से और डूंगरपुर जिले के दक्षिणी सिरे को छूती हुई निकलती है।
- सूर्य की किरणें बांसवाड़ा पर सर्वाधिक सीधी और गंगानगर पर सर्वाधिक तिरछी पड़ती हैं।
सीमाएँ (Boundaries)
राजस्थान की सीमाएँ एक अंतर्राष्ट्रीय सीमा और पांच अंतर-राज्यीय सीमाओं से मिलकर बनती हैं।
- कुल स्थलीय सीमा की लम्बाई: 5920 किलोमीटर।
1. अंतर्राष्ट्रीय सीमा (International Boundary):
- देश: पाकिस्तान।
- नाम: रेडक्लिफ रेखा (Radcliffe Line)। इसका निर्धारण सर सिरिल रेडक्लिफ द्वारा 1947 में किया गया था।
- कुल लम्बाई: 1070 किलोमीटर। यह राजस्थान की कुल सीमा का लगभग 18% है।
- प्रारंभ और अंत: यह उत्तर में गंगानगर के हिन्दूमलकोट से शुरू होकर दक्षिण में बाड़मेर के बाखासर (शाहगढ़) तक विस्तृत है।
- सीमावर्ती जिले (उत्तर से दक्षिण के क्रम में):
- श्रीगंगानगर: 210 किमी
- अनूपगढ़: (यह बीकानेर और गंगानगर से अलग होकर नया जिला बना है, सीमा की लम्बाई का आधिकारिक आंकड़ा प्रतीक्षित है)
- बीकानेर: 168 किमी (सबसे छोटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा)
- जैसलमेर: 464 किमी (सबसे लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा)
- बाड़मेर: 228 किमी
2. अंतर-राज्यीय सीमा (Inter-state Boundary):
- कुल लम्बाई: 4850 किलोमीटर।
- राजस्थान पांच राज्यों के साथ अपनी सीमा साझा करता है:
- पंजाब (Punjab) – उत्तर में:
- सीमा की लम्बाई: 89 किमी (सबसे छोटी अंतर-राज्यीय सीमा)।
- राजस्थान के जिले: श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़।
- पंजाब के जिले: फाजिल्का, मुक्तसर।
- हरियाणा (Haryana) – उत्तर-पूर्व में:
- सीमा की लम्बाई: 1262 किमी।
- राजस्थान के जिले (8 जिले): हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, नीम का थाना, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, अलवर, डीग।
- नोट: नए जिलों (नीम का थाना, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग) के गठन के बाद यह सूची अपडेट की गई है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) – पूर्व में:
- सीमा की लम्बाई: 877 किमी।
- राजस्थान के जिले (3 जिले): डीग, भरतपुर, धौलपुर।
- नोट: डीग नया जिला है जो भरतपुर से अलग हुआ है।
- मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) – दक्षिण-पूर्व में:
- सीमा की लम्बाई: 1600 किमी (सबसे लंबी अंतर-राज्यीय सीमा)।
- राजस्थान के जिले (10 जिले): धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा।
- झालावाड़ जिला मध्य प्रदेश के साथ सबसे लंबी सीमा बनाता है।
- गुजरात (Gujarat) – दक्षिण-पश्चिम में:
- सीमा की लम्बाई: 1022 किमी।
- राजस्थान के जिले (6 जिले): बाड़मेर, सांचौर, सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा।
- नोट: सांचौर नया जिला है जो जालौर से अलग हुआ है।
- पंजाब (Punjab) – उत्तर में:
- विशेष तथ्य:
- अंतः स्थलीय जिले (Landlocked Districts): वे जिले जिनकी सीमा न तो किसी देश से और न ही किसी अन्य राज्य से लगती है। नए जिलों के गठन के बाद इनकी संख्या में परिवर्तन हुआ है। (उदाहरण: जोधपुर ग्रामीण, नागौर, पाली, अजमेर, दौसा आदि)।
- दो राज्यों से सीमा बनाने वाले जिले: हनुमानगढ़ (पंजाब-हरियाणा), डीग (हरियाणा-उत्तर प्रदेश), धौलपुर (उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश), बांसवाड़ा (मध्य प्रदेश-गुजरात)।
राजस्थान का एकीकरण (Integration of Rajasthan)
स्वतंत्रता के समय राजस्थान 19 देसी रियासतों, 3 ठिकानों (लावा, कुशलगढ़, नीमराणा) और एक केंद्र शासित प्रदेश (अजमेर-मेरवाड़ा) में बंटा हुआ था। इन सभी को मिलाकर वर्तमान राजस्थान का निर्माण एक लंबी प्रक्रिया थी, जो 7 चरणों में पूरी हुई।
- प्रक्रिया का समय: 18 मार्च 1948 से 1 नवंबर 1956 तक।
- कुल समय: 8 वर्ष, 7 माह, 14 दिन।
- प्रमुख चरण:
- प्रथम चरण (18 मार्च 1948): मत्स्य संघ का निर्माण (अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली)।
- द्वितीय चरण (25 मार्च 1948): पूर्व राजस्थान संघ का निर्माण (9 रियासतें)।
- तृतीय चरण (18 अप्रैल 1948): संयुक्त राजस्थान (पूर्व राजस्थान में उदयपुर का विलय)।
- चतुर्थ चरण (30 मार्च 1949): वृहत् राजस्थान (संयुक्त राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर का विलय)। इसी दिन को ‘राजस्थान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
- पंचम चरण (15 मई 1949): संयुक्त वृहत् राजस्थान (वृहत् राजस्थान में मत्स्य संघ का विलय)।
- षष्ठम चरण (26 जनवरी 1950): राजस्थान संघ (सिरोही का विलय) और राज्य को ‘राजस्थान’ नाम दिया गया।
- सप्तम चरण (1 नवंबर 1956): वर्तमान राजस्थान का निर्माण (अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-देलवाड़ा और मध्य प्रदेश के सुनेल-टप्पा का विलय)। इसी दिन से ‘राजस्थान स्थापना दिवस’ मनाया जाता है।
प्रशासनिक संरचना (Administrative Structure)
सुशासन और विकास के लिए राजस्थान को विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों में बांटा गया है। अगस्त 2023 में हुए बड़े पुनर्गठन के बाद प्रशासनिक ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।
- संभाग (Divisions): राज्य को 10 संभागों में बांटा गया है। पहले 7 संभाग थे, 2023 में 3 नए संभाग बनाए गए – बांसवाड़ा, पाली, और सीकर।
- जयपुर
- जोधपुर
- अजमेर
- कोटा
- उदयपुर
- बीकानेर
- भरतपुर
- पाली (नया)
- सीकर (नया)
- बांसवाड़ा (नया)
- जिले (Districts): राज्य में अब कुल 50 जिले हैं। पहले 33 जिले थे, 2023 में 19 नए जिले बनाए गए (जयपुर और जोधपुर को विभाजित करने के कारण कुल संख्या में 17 की वृद्धि हुई)।
- क्षेत्रफल में सबसे बड़ा जिला: जैसलमेर।
- क्षेत्रफल में सबसे छोटा जिला: दूदू।
- जनसंख्या में सबसे बड़ा जिला (2011): जयपुर।
- जनसंख्या में सबसे छोटा जिला (2011): जैसलमेर।
- अन्य इकाइयाँ: जिलों को आगे उपखंडों (Sub-divisions), तहसीलों (Tehsils), उप-तहसीलों, पंचायत समितियों (Blocks) और ग्राम पंचायतों (Village Panchayats) में विभाजित किया गया है, जो स्थानीय शासन की रीढ़ हैं।
भौतिक स्वरूप (Physical Divisions)
धरातलीय विशेषताओं के आधार पर राजस्थान को मुख्य रूप से चार भौतिक प्रदेशों में बांटा जा सकता है:
1. पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश (Thar Desert):
- यह राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 61.11% भाग कवर करता है और यहाँ राज्य की 40% जनसंख्या निवास करती है।
- यह थार मरुस्थल का हिस्सा है और इसे ‘महान भारतीय मरुस्थल’ भी कहते हैं।
- इसे दो भागों में बांटा गया है:
- शुष्क रेतीला मैदान (Arid Sandy Plain): जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर का पश्चिमी भाग। यहाँ बालुका स्तूप (Sand Dunes) बहुतायत में पाए जाते हैं।
- अर्ध-शुष्क मैदान (Semi-Arid Plain): इसे ‘राजस्थान बांगर’ भी कहते हैं। इसमें घग्घर का मैदान, शेखावाटी क्षेत्र, और लूनी बेसिन शामिल हैं।
- विशेषताएँ: न्यून वर्षा, उच्च तापमान, रेतीली मिट्टी, और लूनी जैसी मौसमी नदियाँ।
2. अरावली पर्वतीय प्रदेश (Aravalli Range):
- यह विश्व की प्राचीनतम वलित पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
- यह राज्य के लगभग 9% भू-भाग पर फैली है और यहाँ राज्य की 10% जनसंख्या रहती है।
- यह दक्षिण-पश्चिम (सिरोही) से उत्तर-पूर्व (खेतड़ी, नीम का थाना) तक विकर्ण (diagonally) रूप में फैली है।
- सर्वोच्च शिखर: गुरु शिखर (माउंट आबू, सिरोही) – 1722 मीटर।
- महत्व: यह राजस्थान को दो भागों में बांटती है, मानसून को प्रभावित करती है, और खनिज संसाधनों का भंडार है।
3. पूर्वी मैदानी भाग (Eastern Plains):
- यह राज्य के 23% भू-भाग पर फैला है और यहाँ राज्य की 39% जनसंख्या निवास करती है।
- यह अरावली के पूर्व में स्थित है और नदियों (बनास, बाणगंगा, चंबल) द्वारा लाई गई जलोढ़ मिट्टी से बना है।
- यह राज्य का सबसे उपजाऊ क्षेत्र है और यहाँ कृषि प्रमुख व्यवसाय है। जनसंख्या घनत्व भी सर्वाधिक है।
4. दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश (Hadoti Plateau):
- इसे ‘हाड़ौती का पठार’ भी कहा जाता है। यह मालवा के पठार का ही विस्तार है।
- यह राज्य के लगभग 6.89% भू-भाग पर फैला है और यहाँ राज्य की 11% जनसंख्या रहती है।
- इसमें कोटा, बूंदी, बारां, और झालावाड़ जिले आते हैं।
- यहाँ की मिट्टी काली (रेगुर) है, जो कपास और सोयाबीन की खेती के लिए उत्तम है। चम्बल नदी इस क्षेत्र की मुख्य नदी है।
संस्कृति एवं विरासत की झलक (A Glimpse of Culture and Heritage)
राजस्थान केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक संग्रहालय है।
- किले और महल: यहाँ के किले और महल राजपूतों के शौर्य, स्थापत्य कला और गौरवशाली इतिहास के प्रतीक हैं। आमेर, मेहरानगढ़, चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, जैसलमेर और रणथम्भौर के किले विश्व प्रसिद्ध हैं।
- संगीत और नृत्य: घूमर (राजकीय नृत्य), कालबेलिया (UNESCO द्वारा अमूर्त विरासत घोषित), तेरहताली, गैर और चरी यहाँ के प्रमुख लोक नृत्य हैं।
- मेले और त्यौहार: पुष्कर का मेला, तीज, गणगौर, मरू महोत्सव (जैसलमेर), और ऊँट उत्सव (बीकानेर) यहाँ के जीवन में रंग भर देते हैं।
- हस्तशिल्प: जयपुर की ब्लू पॉटरी, सांगानेरी और बगरू प्रिंट, बंधेज का काम, और जोधपुर की मोजड़ी (जूतियाँ) विश्वविख्यात हैं।
- खान-पान: दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी और लाल मांस यहाँ के पारंपरिक व्यंजनों की पहचान हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान का सामान्य परिचय हमें यह बताता है कि यह राज्य केवल रेत के टीलों और ऊँटों की भूमि नहीं है। यह एक ऐसा प्रदेश है जहाँ इतिहास और आधुनिकता, प्रकृति और संस्कृति, परंपरा और प्रगति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इसका विशाल क्षेत्रफल, इसकी रणनीतिक स्थिति, इसकी समृद्ध खनिज संपदा और इसकी मेहनती जनसंख्या इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में से एक बनाती है।
इस अध्याय में प्रस्तुत की गई जानकारी राजस्थान को समझने के लिए एक नींव का काम करेगी। अगले अध्यायों में हम इन सभी विषयों का और भी गहराई से विश्लेषण करेंगे, ताकि आप राजस्थान के हर पहलू से भली-भांति परिचित हो सकें।
Thanks